ग्वाटेमाला में वर्षा की कमी से इलायची का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका
01-Jul-2025 08:09 PM

कोच्चि। छोटी इलायची के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ग्वाटेमाला में लम्बे समय से अच्छी बारिश नहीं होने तथा मौसम गर्म एवं शुष्क रहने से इलायची की फसल को काफी नुकसान होने की आशंका है।
बागान कुछ हद तक बिखरने लगे हैं और इसलिए फसल को सुधरने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। उत्पादन में गिरावट की संभावना को देखते हुए वहां इलायची का भाव ऊंचा और तेज होने के आसार हैं जिससे भारतीय इलायची का निर्यात ऑफर मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर आ सकता है।
उत्तरी अमरीका महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में अवस्थित देश- ग्वाटेमाला में उत्पादित इलायची की क्वालिटी कुछ हल्की होती है इसलिए भारतीय इलायची के मुकाबले वह सस्ती होती है। ग्वाटेमाला में मजदूरों का पारिश्रमिक भी कम होता है।
इधर भारत के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- केरल में मई-जून के दौरान भरपूर बारिश होने से इलायची की फसल को काफी फायदा हुआ है और इसके उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। इससे घरेलू तथा वैश्विक बाजार में इलायची की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम रह सकती है।
पश्चिम एशिया एवं खाड़ी क्षेत्र के देश इलायची के प्रमुख बाजार माने जाते हैं और भारत तथा ग्वाटेमाला दोनों का ध्यान इस बाजार पर केन्द्रित रहता है। हल्की क्वालिटी के बावजूद कीमत कम होने से वहां ग्वाटेमाला को भारत पर कुछ अग्रता प्राप्त हो जाती है।
यदि कीमतों में समानता हो अथवा भारी अंतर न रहे तो भारतीय इलायची वहां स्वाभाविक रूप से आयातकों की पहली पसंद बन जाएगी।
भारत में दो सप्ताहों के बाद छोटी इलायची की नई फसल की तुड़ाई-तैयारी आरंभ हो जाएगी और अगस्त में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्ध बढ़ने लगेगी। इसके बाद वैश्विक बाजार में इलायची के निर्यात के लिए भारत को अनुकूल अवसर प्राप्त हो सकता है।
ग्वाटेमाला में फसल की तुड़ाई में देर हो जाएगी और इसकी क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है। भारत से निर्यात की गुंजाईश बेहतर हुई तो इलायची का घरेलू बाजार भाव मजबूत हो सकता है।