छोटी इलायची के भाव मजबूत
25-Jul-2025 06:35 PM

मगर अधिक तेजी नहीं
नई दिल्ली। उत्पादक केन्द्रों पर प्रतिकूल मौसम के चलते छोटी इलायची की तुड़ाई प्रभावित होने एवं निर्यातकों की लिवाली सुधरने के कारण नीलामी केन्द्रों पर छोटी इलायची के भाव मजबूती के साथ बोले जा रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि नए मालों की आवक बढ़ने तक बाजार तेज रहने की संभावना है। लेकिन अगस्त मध्य में आवक का दबाव बनने पर कीमतों में गिरावट संभव है। क्योंकि इस छोटी इलायची का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा।
उत्पादन
जानकार सूत्रों का कहना है कि हाल ही में हो रही उत्पादक केन्द्रों पर छोटी इलायची फसल को 5/10 प्रतिशत नुकसान के समाचार है जोकि प्रत्येक वर्ष होता है। छोटी इलायची का मुख्यत: उत्पादन केरल एवं तमिलनाडु में होता है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि चालू सीजन के दौरान देश में छोटी इलायची का उत्पादन 28/30 हजार टन के आसपास रहेगा। जबकि गत वर्ष उत्पादन 23/24 हजार टन का माना गया था।
मंदा-तेजी
व्यापारियों का कहना है कि अभी हाल-फिलहाल बाजार मजबूत बने रहेंगे। क्योंकि नीलामी केन्द्रों पर आवक कम हो रही है साथ ही निर्यातकों के साथ लोकल मांग भी मजबूत चल रही है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि नए मालों की आवक बनने से पूर्व कीमतों में 50/75 रुपए की तेजी आ सकती है। वर्तमान में दिल्ली बाजार में छोटी इलायची के क्वालिटीनुसार भाव 2350/3300 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। जबकि उत्पादक केन्द्रों पर नीलामियों में एवरेज भाव 2740/2750 रुपए बोले जा रहे हैं।
निर्यात
मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान छोटी इलायची का निर्यात 6727.80 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 156682 लाख रुपए की रही। जबकि वर्ष 2023-24 निर्यात 6168.13 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 99960 लाख रुपए की रही।
आयात
हालांकि देश में छोटी इलायची का उत्पादन पर्याप्त होता है लेकिन इसके बावजूद आयातक विदेशों से आयात करते हैं क्योंकि विदेशी में मालों की क्वालिटी हल्की होने के कारण भारतीय इलायची की तुलना में भाव कम होते हैं। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान छोटी इलायची का आयात 1318 टन का रहा। जबकि वर्ष 2023-24 में आयात 2552 टन का रहा था। वर्ष 2020-21 में आयात केवल 311 टन का रहा था।