गुजरात में खरीफ फसलों का क्षेत्रफल गत वर्ष से 2 लाख हेक्टेयर आगे

01-Jul-2025 11:18 AM

अहमदाबाद। देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात में खरीफ फसलों की बिजाई में अच्छी प्रगति हो रही है और मानसून की वर्षा के सहारे किसान इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का सकल प्रयास कर रहे हैं।

राज्य कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान गुजरात में 30 जून तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 33.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 24.41 लाख हेक्टेयर से 9.51 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। 

पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में धान सहित अनाजी फसलों का उत्पादन क्षेत्र 29 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 37 हजार हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 19 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 31 हजार हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 9.45 लाख हेक्टेयर से उछलकर 16.72 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

इसके अलावा वहां कपास उत्पादन क्षेत्र 12.73 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.00 लाख हेक्टेयर तथा ग्वार का बिजाई क्षेत्र 604 हेक्टेयर से बढ़कर 1240 हेक्टेयर पर पहुंचा है। सभी फसलों की बिजाई अभी जोर शोर से जारी है। 

अनाजी फसलों के संवर्ग में धान का रकबा 9 हजार हेक्टेयर से घटकर 5 हजार हेक्टेयर पर अटक गया    और तब ज्वार का क्षेत्रफल भी 1693 हेक्टेयर से गिरकर 1223 हेक्टेयर पर अटक गया

लेकिन बाजरा का बिजाई क्षेत्र 2843 हेक्टेयर से उछलकर 14,421 हेक्टेयर एवं मक्का का उत्पादन क्षेत्र 12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 16 हजार हेक्टेयर हो गया। 

दलहन फसलों में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 16 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 23 हजार हेक्टेयर, मूंग का रकबा 1 हजार हेक्टेयर से उछलकर 4 हजार हेक्टेयर और उड़द का बिजाई क्षेत्र 1141 हेक्टेयर से सुधरकर 3265 हेक्टेयर पर पहुंचा।

इसी तरह तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 9.00 लाख हेक्टेयर उछलकर इस बार 15.45 लाख हेक्टेयर सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 43 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.21 लाख हेक्टेयर तथा तिल का क्षेत्रफल 2 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 5 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया। अरंडी की बिजाई आरंभ हो चुकी है और इसका रकबा 1621 हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल केवल 5 हेक्टेयर पर पहुंचा था।

ध्यान देने की बात है कि गुजरात खरीफ कालीन मूंगफली और कपास का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है और अरंडी का सबसे ज्यादा उत्पादन भी गुजरात में ही होता है। वह ग्वार के तीन शीर्ष उत्पादक राज्यों में शामिल है। वहां मक्का, मूंग, तुवर एवं उड़द की भी अच्छी खेती होती है।