जनवरी-मई के पांच महीनों में रूस से 27.20 लाख टन खाद्य तेल का निर्यात

11-Jun-2025 06:01 PM

ब्लाडीवोस्टक। रूस से चालू वर्ष के शुरूआती पांच महीनों में यानी जनवरी- मई 2025 के दौरान खाद्य तेलों का कुल निर्यात घटकर 27.20 लाख टन पर अटक गया जो वर्ष 2024 के इन्हीं महीनों के कुल शिपमेंट से 19 प्रतिशत कम रहा।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन पांच महीनों की अवधि में सूरजमुखी तेल का निर्यात 25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18.70 लाख टन पर सिमट गया।

तुर्की और भारत इसके दो शीर्ष खरीदार रहे जिसने क्रमश: 4.56 लाख टन एवं 4.02 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात किया। इन पांच महीनों में रूस से खाद्य तेलों के हुए कुल निर्यात में अकेले सूरजमुखी तेल की भागीदारी 68 प्रतिशत रही। 

जनवरी- मई 2025 के पांच महीनों के दौरान रूस  सोयाबीन तेल का निर्यात भी 38 प्रतिशत घटकर 2.27 लाख टन रह गया। इसमें से 1.00 लाख टन का निर्यात अल्जीरिया को तथा 78 हजार टन का शिपमेंट भारत को किया गया।

शेष सोया तेल अन्य देशों को भेजा गया। दूसरी ओर इसी अवधि में रूस से रेपसीड तेल का निर्यात 26 प्रतिशत बढ़कर 6.24 लाख टन पर पहुंच गया। इसके 88 प्रतिशत भाग का निर्यात अकेले चीन को किया गया। 

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार रूस में सूरजमुखी बीज के दाम में अनावश्यक भारी बढ़ोत्तरी होने से इसकी दीर्घकालीन क्रशिंग का मार्जिन ऋणात्मक हो गया। इसके फलस्वरूप प्रोसेसर्स द्वारा सीमित  सूरजमुखी की खरीद एवं प्रोसेसिंग की जा रही है जिससे निर्यात उद्देश्य के लिए सूरजमुखी तेल का उत्पादन एवं स्टॉक घट गया।

ऑयल एंड फैट यूनियन का कहना है कि यदि सूरजमुखी तेल के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी आ जाए और सूरजमुखी बीज का घरेलू बाजार भाव घटकर 36,000 रूबल प्रति टन पर आ जाए तभी प्रोसेसर्स को कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है।

वर्तमान समय में करीब 16 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। रूस, यूक्रेन एवं रोमानिया जैसे देशों में सूरजमुखी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और वे सूरजमुखी तेल के अग्रणी निर्यातक देश भी हैं।