कई राज्यों में जोरदार बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात
01-Jul-2025 12:38 PM

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून की तीव्रता एवं गतिशीलता बढ़ने से देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हुई है और अब भी हो रही है।
इससे नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, बांधों- जलाशयों में जल स्तर बढ़ गया है और खेतों में पानी भर जाने से बाढ़ जैसे हालात नजर आने लगे हैं।
बांधों से पानी छोड़े जाने से भी कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। आमतौर पर बाढ़ की समस्या जुलाई-अगस्त में देखी जाती है क्योंकि ये दोनों सर्वाधिक वर्षा वाले महीने माने जाते हैं लेकिन इस बार जून में ही बाढ़ का संकट पैदा हो गया।
दिलचस्प तथ्य यह है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार 24 मई को ही देश में पहुंच गया और 29-30 मई तक सक्रिय रहने के बाद बिल्कुल सुस्त पड़ गया। पुनः 15-16 जून से यह सक्रिय हुआ और तभी से देश के विभिन्न भागों में जोरदार बारिश हो रही है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर जैसे पर्वतीय राज्यों में तो मानसून कहर ढा रहा है लेकिन साथ ही साथ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा एवं झारखंड सहित अन्य प्रांतों के मैदानी इलाकों में भी मानसून की भारी बारिश का दौर जारी है।
इससे किसानों को धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज एवं कपास आदि की खेती करने में अच्छी सहायता मिल रही है। दिलचस्प बात यह है कि मानसून के प्रथम चरण के दौरान महाराष्ट्र, गोवा एवं दक्षिणी राज्यों में जोरदार बारिश हुई थी
मगर अब मानसून वहां से आगे बढ़कर अन्य प्रांतों में सक्रिय हो गया है और इसलिए महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना जैसे राज्यों में बारिश की आवश्यकता महसूस होने लगी है।
बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में वर्षा की कमी है। जुलाई में सामान्य औसत से अधिक वर्षा होने का अनुमान मौसम विभाग ने व्यक्त किया है जिससे खरीफ फसलों को फायदा होगा।