मांग एवं आपूर्ति को देखते हुए कालीमिर्च में जोरदार तेजी-मंदी की संभावना नहीं
11-Jun-2025 05:15 PM

नई दिल्ली। दोनों- प्रमुख उत्पादक राज्यों- कर्नाटक एवं केरल में कालीमिर्च की अच्छी आवक हो रही है और सामान्य करोबार के साथ इसका भाव एक निश्चित सीमा में थोड़े-बहुत उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर बना हुआ है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कालीमिर्च के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई थी और चालू वर्ष का प्रदर्शन भी संतोषजनक रहने की उम्मीद है। कर्नाटक तथा केरल के साथ-साथ तमिलनाडु में भी इस बार मानसून- पूर्व की अच्छी वर्षा हुई और दक्षिण- पश्चिम मानसून की आरंभिक वर्षा से कालीमिर्च की फसल होने की उम्मीद है।
बारिश के बाद मौसम साफ हो जाने से कालीमिर्च की आपूर्ति बढ़ने के आसार हैं। उधर श्रीलंका में नई फसल की छिटपुट तुड़ाई-तैयारी आरंभ हो गई है जिससे आगामी महीनों के दौरान भारत में इसके आयात का प्रवाह बढ़ने की आशंका है। केरल में दिसम्बर-जनवरी में नए माल की आवक शुरू होगी जो अभी बहुत दूर है। कर्नाटक की सागर लाइन में मरकरा कालीमिर्च की आवक हो रही है। पिछले साल मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से 2024-25 सीजन के दौरान कालीमिर्च के घरेलू उत्पादन में गिरावट आ गई मगर पिछला बकाया स्टॉक मौजूद होने से न तो आपूर्ति का संकट गहराया और न ही कीमतों में कोई अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई।
कोच्चि के टर्मिनल मार्केट में कालीमिर्च की नगण्य आवक हो रही है जिससे वहां महज सांकेतिक भाव चल रहे हैं। उत्पादकों एवं दिसावरी खरीदारों के बीच सीधा सम्पर्क होने से उत्पादक मंडियों में कालीमिर्च की ज्यादा आपूर्ति नहीं हो रही है कोच्चि में कालीमिर्च का भाव 670/685 रुपए प्रति किलो बताया जा रहा है। आगे इसमें ज्यादा तेजी-मंदी आना मुश्किल लगता है।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के दौरान देश से कालीमिर्च का निर्यात 17,890 टन से बढ़कर 20,830 टन पर पहुंचा और इससे होने वाली आमदनी भी 736.48 करोड़ रुपए से उछलकर 1055 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। श्रीलंका से आयात पर अंकुश लगाने का सफल प्रयास हुआ तो कालीमिर्च के दाम में कुछ सुधार आ सकता है।