साप्ताहिक समीक्षा- चीनी
21-Jun-2025 07:17 PM

मांग कमजोर रहने से चीनी के दाम में ज्यादा तेजी नहीं
नई दिल्ली। ऊंचे तापमान के बावजूद औद्योगिक मांग कमजोर रहने से 14-20 जून वाले सप्ताह के दौरान चीनी के मिल डिलीवरी मूल्य एवं हाजिर बाजार भाव में ज्यादा तेजी-मंदी नहीं देखी गई।
मिल डिलीवरी भाव
चीनी का मिल डिलीवरी भाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में 3840/4065 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा मगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 15 रुपए, पंजाब में 50 रुपए तथा बिहार में 20 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आया जबकि मध्य प्रदेश में 25 रुपए ऊपर चढ़ा। गुजरात में 'एम' ग्रेड की चीनी के मिल डिलीवरी मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही।
हाजिर भाव
जहां तक चीनी के हाजिर बाजार भाव का सवाल है तो समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान यह दिल्ली में 4215/4300 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर रहा और रायपुर में भी इसमें कोई खास तेजी-मंदी नहीं देखी गई। इंदौर में भाव 20 रुपए सुधरकर 4100/4200 रुपए प्रति क्विंटल हो गया मगर मुम्बई (वाशी) मार्केट में यह 3970/4070 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
कोलकाता
कोलकाता में 10-20 रुपए के सुधार के साथ सीमित हाजिर भाव 4270/4360 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। चीनी का नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य 3920/4020 रुपए प्रति क्विंटल के पुराने स्तर पर बरकरार रहा। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में चीनी के टेंडर मूल्य में 10-20 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया। चीनी का निर्यात प्रदर्शन उत्साहवर्धक नहीं है।
उत्पादन / क्रशिंग
2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का मुख्य अभियान समाप्त हो चुका है जबकि जुलाई-सितम्बर के दौरान दक्षिण कर्नाटक और तमिलनाडु में इसका विशेष सत्र आयोजित होने वाला है जिसमें 3.50-4.00 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकता है। उसके बाद अक्टूबर से 2025-26 का नया क्रशिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा। गन्ना का क्षेत्रफल यदि बढ़ता है और मानसून भी अच्छी वर्षा होती है तो अगले सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ने की संभावना रहेगी।
स्टॉक
चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2025 को उद्योग के पास लगभग 50 लाख टन चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक रह सकता है जो अक्टूबर-नवम्बर की घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। तब तक नया उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।