अमरीका के साथ व्यापार वार्ता में भारतीय किसानों के हितों की रक्षा पर जोर

08-Jul-2025 10:38 AM

नई दिल्ली। भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार संधि के लिए जारी वार्ता में अमरीका भारतीय बाजार में अपनी जीएम फसलों और खासकर मक्का की अधिक से अधिक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दे रहा है जबकि भारत में इसके आयात, उत्पादन, कारोबार एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता के लिए हो रही बातचीत में भारतीय किसानों के हितों की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। 

नई दिल्ली में आयोजित 11 वें मक्का सम्मेलन में भाग लेने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि व्यापार वार्ता के परिणामों का भारतीय किसानों के हितों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा और इसकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

इससे पूर्व सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा था कि वर्तमान समय में देश में करीब 423 लाख टन मक्का का सालाना उत्पादन हो रहा है जिसे वर्ष 2047 तक दोगुने से ज्यादा बढ़ाकर 860 लाख टन पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मक्का की औसत उपज दर को 3.70 टन प्रति हेक्टेयर के मौजूदा स्तर से बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी तरह मक्का में स्टार्च के अंश को 65-70 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर कम से कम 72 प्रतिशत पर पहुंचाया जाना चाहिए। 

अमरीका के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार समझौता पर अंतरिम करार कल यानी 9 जुलाई 2025 तक होना आवश्यक है अन्यथा उसके बाद अमरीका भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा कर सकता है।

अमरीका ने जापान तथा दक्षिण कोरिया के उत्पादों पर 25-25 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया है क्योंकि उसके साथ-साथ व्यापार वार्ता सकल नहीं हो सकी। भारत के लिए व्यापार समझौता का समय 9 जुलाई तक निर्धारित है।

भारत अमरीका के कुछ प्रस्तावों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उसके लिए नियम-कानून में संशोधन-परिवर्तन करना पड़ेगा।

वैसे भारत के कुछ विश्लेषक सिर्फ एथनॉल निर्माण में उपयोग के लिए जीएम मक्का के आयात की अनुमति दिए जाने के पक्ष में है और इस पर सरकार के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।