बांग्ला देश को निर्यात शुरू होने के बाद बंगाल में चावल का भाव तेज

25-Aug-2025 05:36 PM

कोलकाता। भारत सरकार द्वारा बांग्ला देश को चावल निर्यात पर लागू नियंत्रण को 12 अगस्त को वापस लेने की घोषणा किए जाने के बाद बांग्ला देश की सरकार ने प्राइवेट व्यापारियों को करीब 5 लाख टन चावल के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति प्रदान कर दी।

इसके साथ ही व्यापारियों ने भारत से चावल मंगाना शुरू कर दिया जिससे पश्चिम बंगाल के साथ-साथ देश के कुछ अन्य राज्यों में भी इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव तेज हो गया।

ज्ञात हो कि भारत सरकार ने 15 अप्रैल को बांग्ला देश को चावल के निर्यात पर लगभग रोक लगाने की घोषणा की थी जिससे वहां आपूर्ति की जटिलता बढ़ गई थी।

व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक घरेलू प्रभाग में बढ़ती खाद्य महंगाई पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से बांग्ला देश की सरकार ने एक तरफ अपने स्तर पर चावल मंगाने का निर्णय लिया तो दूसरी ओर प्राइवेट व्यापारियों को भी इसके शुल्क मुक्त आयात की मंजूरी दे दी।

बांग्ला देश को निर्यात आरंभ होने से बंगाल सहित कुछ अन्य राज्यों में चावल के दाम में 10-15 प्रतिशत का इजाफा हो गया। इसके तहत बांग्ला देश की सरकार ने प्राइवेट व्यापारियों को 4.60 लाख टन सेला चावल तथा 39 हजार टन कच्चा (सफेद) चावल का आयात कोटा आवंटित किया है। चूंकि बंगाल से ही बांग्ला देशी को सर्वाधिक चावल भेजा जाता है इसलिए वहां इसके दाम में ज्यादा बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। 

व्यापारियों का कहना है कि बांग्ला देश में चावल के आयात पर लगे 20 प्रतिशत के सीमा शुल्क को हटाये जाने की जानकारी उन्हें पहले ही मिल गई थी इसलिए उन्होंने पेट्रापोल- बीनापोल की स्थलीय सीमा पर मौजूद वेयर हाउस में चावल का स्टॉक करना आरंभ कर दिया था।

13 अगस्त को जब सीमा शुल्क समाप्ति की घोषणा हुई तब चावल से लदे ट्रक भारत से बांग्ला देश पहुंचने लगे। इसके फलस्वरूप कीमतों में आई तेजी को देखते हुए आम लोगों ने सस्ते चावल की ओर ध्यान देना शुरू किया। 

पिछले दो सप्ताहों के दौरान बंगाल में लोकप्रिय स्वर्ण चावल का खुदरा भाव 34 रुपए से बढ़कर 39 रुपए प्रति किलो, मिनीकेट का 49 रुपए से सुधरकर 55 रुपए प्रति किलो, रत्ना का 36-37 रुपए से बढ़कर 41-42 रुपए प्रति किलो तथा सोना मसूरी का भाव 52 रुपए से सुधरकर 56 रुपए प्रति किलो हो गया।