डीडीजीएस की अधिकता से गेहूं चोकर की मांग एवं कीमत में गिरावट

03-Jul-2025 03:31 PM

नई दिल्ली। पशु आहार निर्माण उद्योग में गेहूं चोकर (व्हीट ब्रान) की मांग कमजोर पड़ने लगी जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आ गई है।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के रबी सीजन में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सापेक्ष ब्रान का औसत भाव 92 प्रतिशत रहा था मगर 2023-24 के रबी सीजन में यह बढ़कर 2200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जो 2125 रुपए प्रति क्विंटल के एमएसपी से 4 प्रतिशत ऊंचा था।

2024-25 के सीजन में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। मई 2025 में ब्रान का भाव उछलकर एक समय 2500 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था मगर अब लुढ़ककर 2000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ गया है। 

उद्योग समीक्षकों का कहना है कि पशु आहार एवं पॉल्ट्री फीड निर्माण में डिस्टीलर्स ड्राइंड ग्रेन्स विद सोल्युबल्स (डीडीजीएस) की बढ़ती लोकप्रियता एवं आपूर्ति की अधिकता के कारण न केवल सोयाबीन डीओसी की मांग प्रभावित हो रही है बल्कि गेहूं ब्रान की खपत भी घटती जा रही है जिससे कीमतों पर प्रतिकूल असर पड़ना शुरू हो गया है।

ध्यान देने की बात है कि वर्ष 2022 से ही गेहूं तथा इसके मूल्य  संवर्धित उत्पादों- मैदा, सूजी एवं चोकर आदि के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि अब घरेलू प्रभाग में चोकर (ब्रान) की औद्योगिक मांग कमजोर पड़ने लगी है।

इसे देखते हुए गेहूं प्रोसेसिंग उद्योग ने केन्द्र सरकार से ब्रान के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है। गेहूं उत्पादों के निर्यात की स्वीकृति मिलने पर उद्योग की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आ सकता है जो अभी बहुत कम मार्जिन पर अपना कारोबार कर रहा है। 

डीडीजीएस एथनॉल उत्पादन के क्रम में निर्मित एक सह उत्पाद है जो प्रोटीन से समृद्ध होता है और इसलिए पशु आहार निर्माण में सोयामील एवं व्हीट ब्रान के एक बेहतर विकल्प के रूप में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होने लगा है।

सोयाबीन क्रशिंग- प्रोसेसिंग उद्योग पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है और अब गेहूं प्रोसेसिंग उद्योग भी इससे प्रभावित हो रहा है। हाल के समय में व्हीट ब्रान के दाम में भारी गिरावट आई है जिससे निर्माताओं की आमदनी लगातार घटती जा रही है।