कनाडा से मसूर का निर्यात 20 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान

23-Jul-2025 11:57 AM

नई दिल्ली। बेहतर घरेलू उत्पादन, वैश्विक बाजार में मजबूत मांग, ऑस्ट्रेलिया से प्रतिस्पर्धा में कमी तथा कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आने से 2024-25 के वर्तमान (अगस्त-जुलाई) के दौरान मसूर का कुल निर्यात बढ़कर 20 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है।

इसमें 11 लाख टन लाल मसूर तथा 9 लाख टन हरी मसूर का शिपमेंट शामिल है। कनाडाई मसूर के तीन शीर्ष उत्पादक देशों में भारत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एवं तुर्की शामिल है। 

कृषि मंत्रालय ने मसूर की घरेलू खपत भी बढ़कर 3.20 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है। इसके बावजूद वहां चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 31 जुलाई 2025 को मसूर का कुल बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़कर 4 लाख टन पर पहुंचने के आसार हैं।

सभी किस्मों एवं श्रेणियों की मसूर का औसत मूल्य 805 डॉलर प्रति टन रहने का अनुमान लगाया गया है जो 2023-24 सीजन की तुलना में काफी नीचे है। मोटी हरी मसूर एवं लाल मसूर का स्टॉक ज्यादा रहने से कीमतों पर दबाव बना रहा। लाल मसूर की तुलना में छोटी हरी मसूर का भाव 485 डॉलर प्रति टन ऊंचा चल रहा है और यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। 

2025-26 सीजन के दौरान कनाडा में मसूर का बिजाई क्षेत्र 4 प्रतिशत बढ़कर 17.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसमें से 87 प्रतिशत रकबा सस्कैचवान प्रान्त में तथा शेष क्षेत्रफल अल्बर्टा एवं मनिटोबा राज्य में स्थित है।

कृषि मंत्रालय ने 2025-26 सीजन के दौरान कनाडा में मसूर का उत्पादन बढ़कर 24.50 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है और बकाया स्टॉक बड़ा होने से इसकी कुल उपलब्धता भी बढ़ने की संभावना व्यक्त की है। सीजन के दौरान कनाडा से 21 लाख टन मसूर के निर्यात की उम्मीद जताई गई है।

अगले महीने यानी अगस्त 2025 से मसूर का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो जाएगा और सीजन के अंत में इसका बकाया अधिशेष स्टॉक और भी बढ़कर 5.30 लाख टन पर पहुंचने की संभावना है।

सभी किस्मों एवं- श्रेणियों की मसूर का औसत मूल्य 2024-25 के सीजन से भी नीचे रहने का अनुमान है। भारतीय उप महाद्वीप में मसूर के आयात की मांग 2024-25 सीजन के लगभग बराबर ही रह सकती है।