मक्का का उत्पादन क्षेत्र नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के आसार

23-Jul-2025 11:09 AM

नई दिल्ली। वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान देश के अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में मक्का के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और किसान इसकी खेती में जबरदस्त उत्साह दिखा रहे हैं। फीड एवं एथनॉल निर्माण उद्योग में मक्का की मांग मजबूत बनी हुई है। 

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 21 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर मक्का का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 71.21 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 61.73 लाख हेक्टेयर से करीब 15 प्रतिशत अधिक है।

कर्नाटक में 18 जुलाई तक इसका क्षेत्रफल 13.87 लाख हेक्टेयर से उछलकर 15.23 लाख हेक्टेयर और राजस्थान में 21 जुलाई तक 9.01 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.34 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

इसी तरह मक्का का रकबा तेलंगाना में 2.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.49 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 9.75 लाख हेक्टेयर से उछलकर 12.55 लाख हेक्टेयर हो गया। लेकिन गुजरात में किसानों द्वारा मूंगफली की खेती पर विशेष  ध्यान दिए जाने के कारण मक्का का रकबा 2.74 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.19 लाख हेक्टेयर रह गया। 

आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान का कहना है कि मक्का के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारण पशु आहार, पॉल्ट्री फीड तथा स्टार्च निर्माण के साथ-साथ एथनॉल उत्पादन के लिए भी मांग मजबूत रहना है।

किसानों को पिछले दो वर्षों से मक्का का अच्छा मूल्य प्राप्त हो रहा है। सोयाबीन एवं दलहनों के मुकाबले मक्का पर किसानों के बेहतर वापसी हासिल हो रही है क्योंकि मक्का की खेती पर लागत खर्च अपेक्षाकृत कम बैठता है। बिजाई की वर्तमान रफ्तार को देखते हुए प्रतीत होता है कि चालू खरीफ सीजन में मक्का का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 के खरीफ सीजन में मक्का का रकबा तेजी से बढ़कर 84.30 लाख हेक्टेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था जबकि 2024-25 के रबी सीजन में इसका क्षेत्रफल 27.24 लाख हेक्टेयर तथा जायद सीजन में 8.40 लाख हेक्टेयर रहा था।

इस तरह 2024-25  सीजन में मक्का का सकल घरेलू उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 120.17 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा था। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के सीजन में मक्का का उत्पादन बढ़कर 422.80 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 376.60 लाख टन से काफी अधिक है।