ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संधि से किसानों एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को फायदा

26-Jul-2025 01:20 PM

नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए समेकित आर्थिक एवं व्यापारिक समझौते (सेटा) से दोनों देशों को लाभ होगा। इससे भारत के खासकर कृषक समुदाय तथा खाद्य प्रसंकरण उद्योग एवं वस्त्र उद्योग को विशेष फायदा होने की उम्मीद है।

इसके तहत भारत से ब्रिटेन को बासमती चावल, मिलेट्स, रूई, मूंगफली, फल-सब्जी, प्याज, अचार, मसाले, चाय और कॉफी के साथ-साथ कई अन्य कृषि एवं खाद्य उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि वहां इन भारतीय उत्पादों को सीमा शुल्क से छूट मिल जाएगी। 

पिछले दिन भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में लन्दन में सेटा पर हस्ताक्षर किए गए। इस संधि के तहत जिन उत्पादों को सीमा शुल्क से छूट देने पर सहमति बनी है उसमें कृषि उत्पादों की भागीदारी 14.8 प्रतिशत तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के उत्पादों की हिस्सेदारी 10.8 प्रतिशत होगी।

निश्चित रूप से भारत के लिए यह करार एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा और भारतीय उत्पादों का निर्यात बढ़ाने में सहायक साबित होगा। चूंकि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से पहले ही अलग हो चुका है इसलिए वह अपने स्तर से कोई भी संधि करने के लिए स्वतंत्र है। 

प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों में जिन चीजों का भारत से ब्रिटेन को निर्यात बढ़ने की ज्यादा संभावना है उसमें फलों का रस (फ्रूट जूस), जैम, चटनी, प्रसंस्कृत सब्जियां,  डिब्बा बंद (कैन) फल, सलाद ड्रेसिंग, मीट प्रोडक्ट्स एवं पेय पदार्थ आदि शामिल है। इन उत्पादों पर ब्रिटेन में पहले 70 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क लागू था जो अब घटकर शून्य प्रतिशत हो जाएगा। 

लेकिन इस संधि में डेयरी उत्पादों, सेब एवं खाद्य तेलों को शामिल नहीं किया गया है जिससे इस पर ब्रिटेन में आयात शुल्क पर कोई रियायती नहीं दी जाएगी। बासमती चावल को सीमा शुल्क में छूट मिलने से पंजाब- हरियाणा के किसान एवं निर्यातक लाभान्वित होंगे।