गुजरात में खरीफ फसलों का क्षेत्रफल गत वर्ष से काफी पीछे

10-Jun-2025 10:51 AM

अहमदाबाद। देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त- गुजरात में खरीफ फसलों की बिजाई तो आरंभ हो गई है लेकिन इसकी रफ्तार अभी धीमी है। दरअसल राज्य में एक तरफ वर्षा का अभाव देखा जा रहा है तो दूसरी ओर तापमान ऊंचे स्तर पर है। इससे मुख्यतः सिंचित क्षेत्रों में ही किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई करने में सफलता मिल रही है। 

राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में इस वर्ष 9 जून तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 77 हजार हेक्टेयर तक ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 1.31 लाख हेक्टेयर से 54 हजार हेक्टेयर घटा है। 

अनाजी फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 269 हेक्टेयर से घटकर इस बार 103 हेक्टेयर रह गया। बाजरा की बिजाई शुरू नहीं हुई है और धान का क्षेत्रफल भी महज 7 हेक्टेयर रहा। ज्वार का रकबा 168 हेक्टेयर से लुढ़ककर 41 हेक्टेयर तथा मक्का का बिजाई क्षेत्र 101 हेक्टेयर से घटकर 46 हेक्टेयर पर अटक गया। राज्य में मानसूनी वर्षा का इंतजार किया जा रहा है। 

दलहन फसलों की बिजाई आगे चल रही है। इसका उत्पादन क्षेत्र 65 हेक्टेयर से बढ़कर 111 हेक्टेयर पर पहुंचा है। इसके तहत तुवर का बिजाई क्षेत्र 59 हेक्टेयर से सुधरकर 60 हेक्टेयर तथा मूंग का रकबा 6 हेक्टेयर से बढ़कर 45 हेक्टेयर पर पहुंचा। उड़द का क्षेत्रफल 6 हेक्टेयर दर्ज किया गया। इसमें मुख्यतः मूंगफली शामिल हैं जिसका बिजाई क्षेत्र 37,259 हेक्टेयर से घटकर 31,110 हेक्टेयर पर अटक गया। इसके अलावा तिल, अरंडी एवं सोयाबीन की बिजाई भी हुई। 

नकदी या औद्योगिक फसलों के संवर्ग में कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 76,863 हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 34,011 हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल भी वहां कपास के बिजाई क्षेत्र में भारी गिरावट आई थी।

हालांकि अभी तो खरीफ फसलों की बिजाई की शुरुआत है और आगे क्षेत्रफल में अनवरत बढ़ोत्तरी होती रहेगी लेकिन आरंभिक  आंकड़ों से संकेत मिलता है कि इस बार किसानों का रुझान कपास, सोयाबीन, ज्वार तथा बाजरा की बिजाई की तरफ कम तथा मक्का, तुवर, उड़द, अरंडी मूंगफली एवं तिल आदि की खेती की ओर ज्यादा रह सकता है। धान का रकबा सामान्य रहेगा।