नियत समय से पूर्व एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल होने से इस्मा संतुष्ट
25-Jul-2025 05:53 PM

नई दिल्ली। स्वदेशी चीनी उद्योग की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने नियत समय से पूर्व ही पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल होने पर खुशी व्यक्त करते हुए सरकार का आभार व्यक्त किया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2030 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य आरम्भिक दौर में नियत किया गया था जबकि इससे पांच साल पूर्व यानी 2025 में ही इसे हासिल कर लिया गया इस्मा के अनुसार इस सफलता से देश को काफी फायदा हो रहा है। पेट्रोल के आयात में कमी आने से उस पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है।
कार्बन डाय ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आ रही है और ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। इसके अलावा गन्ना उत्पादकों के बकाए का सही समय पर भुगतान करना भी आसान हो रहा है।
हाल के वर्षों में एथनॉल के घरेलू उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है जिसके लिए इस्मा ने प्रधानमंत्री के विजन तथा केन्द्र सरकार की सहयोगात्मक नीतियों को प्रमुख कारक माना है। भारत की हरित ऊर्जा रणनिति के त्वरित एवं प्रभावी क्रियान्वयन की वजह से एथनॉल का उत्पादन तेजी से बढ़ा है।
उसका कहना है कि आत्मनिर्भरता एवं हरित ऊर्जा की ओर भारत की यात्रा निरन्तर जारी है और एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य की प्राप्ति इस दिशा की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
वर्ष 2014 में महज 1.5 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जो वर्ष 2025 तक आते-आते 20 प्रतिशत पर पहुंच गया। भारत में गन्ना उत्पादों के साथ मक्का एवं चावल जैसे अनाजों से भी बड़े पैमाने पर एथनॉल का उत्पादन हो रहा है।
इस्मा के मुताबिक वर्ष 2014 में पेट्रोल में केवल 38 करोड़ लीटर एथनॉल का मिश्रण था जो जून 2025 में उछलकर 661.10 करोड़ लीटर पर पहुंच गया। इसके फलस्वरूप कार्बन डाय ऑक्साइड (C०2) के उत्सर्जन में 698 लाख टन की कमी आ गई।
इसके साथ-साथ गन्ना किसानों को 1.18 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया और डिस्टीलरीज को भी 1.96 लाख करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं बल्कि 1.36 लाख करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी मुद्रा की बचत भी हुई। एथनॉल उत्पादन में चीनी उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही।