पुराने स्टॉक को निपटाने हेतु रूस ने सूरजमुखी तेल पर निर्यात शुल्क को स्थगित किया

25-Jul-2025 08:07 PM

मास्को। रूस में सूरजमुखी की नई फसल की कटाई-तैयारी का सीजन आरंभ होने से इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता नियमित रूप से बढ़ते जाने की उम्मीद है। क्रशिंग प्रोसेसिंग इकाइयों के पास सूरजमुखी सीड एवं सूरजमुखी तेल तथा डीओसी का जो पुराना भंडार है उसका उपयोग करने में कठिनाई हो सकती है।

इसे देखते हुए संघीय सरकार ने सूरजमुखी तेल एवं सूरजमुखी खल (ऑयल मील) पर लागू निर्यात शुल्क को अस्थायी तौर पर स्थगित रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत 31 अगस्त 2025 तक इन दोनों उत्पादों पर कोई निर्यात शुल्क नहीं लगेगा। 

उल्लेखनीय है कि चालू माह यानी जुलाई 2025 के लिए रूस की सरकार ने सूरजमुखी तेल के निर्यात पर 4739.30 रूबल (लगभग 60 डॉलर) प्रति टन का सीमा शुल्क लागू किया था जबकि सूरजमुखी मील पर करीब 17.4 डॉलर या 1054.40 रूबल प्रति टन निर्यात शुल्क लगाया था। रूबल रूस की मुद्रा का नाम है। 

रूस संसार में सूरजमुखी एवं इसके तेल तथा डीओसी के अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक देशों में शामिल है। भारत में सूरजमुखी एवं इसके तेल तथा डीओसी के अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक देशों में शामिल है।

भारत में सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक आयात रूस से ही होता है जबकि पहले यूक्रेन इसका सबसे प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ था। इसके अलावा भारत में अर्जेन्टीना एवं रोमानिया जैसे देशों से भी सूरजमुखी तेल मंगाया जाता है। निर्यात शुल्क के स्थगित होने से वैश्विक निर्यात बाजार में रूसी सूरजमुखी तेल एवं ऑयल मील की प्रतिस्पर्धी क्षमता एवं शिपमेंट की संभावना बढ़ जाएगी।