दक्षिणी राज्यों में अभी और बारिश की जरूरत

25-Jul-2025 08:39 PM

वारंगल। हालांकि हाल के दिनों में दक्षिण भारत में बारिश हुई है और मौसम विभाग ने आगे भी तेलंगाना, कर्नाटक तथा तटीय आंध्र प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इन राज्यों में न केवल अच्छी बारिश की जरूरत है बल्कि सभी क्षेत्रों में वर्षा का समान वितरण होना भी आवश्यक है। कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश हो जाती है जबकि कुछ अन्य जिलें वर्षा के लिए तरसते रहते हैं। 

वैसे तमिलनाडु एवं केरल में मानसून की जमकर बारिश हुई है और कर्नाटक में भी कुल मिलाकर वर्षा की हालत सामान्य या संतोषजनक मानी जा रही है मगर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ जिले अब भी सूखे की चपेट में हैं। वहां जुलाई के अंतिम तथा अगस्त के आरम्भिक दिनों में बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। 

जहां तक बांधों-जलाशयों में पानी के स्टॉक का सवाल है तो हाल के सप्ताहों के दौरान इसकी स्थिति में काफी सुधार आया है। केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिणी प्रायद्वीप के बांधों- जलाशयों में पानी का स्तर बढ़कर 38.327 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पर पहुंच गया है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 54,939 बीसीएम का लगभग 70 प्रतिशत है।

तमिलनाडु के बांध पानी से भरे हुए हैं जबकि कर्नाटक के जलाशयों में भी करीब 74 प्रतिशत पानी का स्टॉक मौजूद है। केरल तथा आंध्र प्रदेश के बांधों-जलाशयों में 60 प्रतिशत से ज्यादा पानी का भंडार उपलब्ध है मगर तेलंगाना में यह जल स्तर 38 प्रतिशत ही है। 

उधर देश के मध्यवर्ती क्षेत्र में मौजूद कुल 28 प्रमुख जलाशयों में 59 प्रतिशत पानी का भंडार बताया जा रहा है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक इन जलाशयों में पानी की कुल भंडारण क्षमता 48,588 बीसीएम की है जबकि उसमें 28,726 बीसीएम पानी उपलब्ध है।

सकल भंडारण क्षमता के सापेक्ष मध्य प्रदेश के जलाशयों में 64.5 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 56 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत तथा उत्तराखंड के बांधों में 38 प्रतिशत पानी का स्टॉक बताया जा रहा है।