कनाडा में मसूर का बिजाई क्षेत्र 43.80 लाख एकड़ पर पहुंचा
30-Jun-2025 05:50 PM

ओटावा। उम्मीद के अनुरूप इस बार कनाडा में हरी मसूर की खेती में किसानों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई है क्योंकि लाल मसूर की तुलना में इसका भाव काफी ऊंचा चल रहा है और इससे उत्पादकों को आकर्षक आमदनी भी प्राप्त हो रही है।
कुछ क्षेत्रों में किसानों द्वारा लाल मसूर के बजाए हरी मसूर की खेती को प्राथमिकता दी गई है। इसमें बड़ी, मीडियम तथा छोटी- तीनों श्रेणी की हरी मसूर शामिल हैं।
सरकारी एजेंसी- स्टैटिस्टिक्स कनाडा (स्टैट्स कैन) की नई रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष के दौरान मसूर का सकल घरेलू बिजाई क्षेत्र बढ़कर 43.80 लाख एकड़ पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 42.10 लाख एकड़ से 1.70 लाख एकड़ ज्यादा है।
आरम्भिक चरण के सर्वेक्षण में किसानों ने 41.70 लाख एकड़ में मसूर की खेती करने का इरादा व्यक्त किया था मगर बाद में संभवतः हरी मसूर की वजह से उत्पादन क्षेत्र 1.10 लाख एकड़ बढ़ा दिया।
हालांकि कनाडा में मसूर के अनबिके या बकाया स्टॉक का स्तर बढ़ता जा रहा है मगर इसमें लाल मसूर की मात्रा सर्वाधिक है। लाल मसूर का उत्पादन ज्यादा होता है और भारत सहित अनेक अन्य देशों में इसका भारी-भरकम निर्यात किया जाता है।
इसका दाम हरी मसूर की तुलना में बहुत नीचे रहता है। आयातक देशों में मांग कमजोर पड़ने से इसके स्टॉक में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। किसानों का रुझान हरी मसूर की तरफ केवल इसलिए बढ़ा है
कि इसका भाव लाल मसूर की तुलना में करीब 400 कनाडाई डॉलर प्रति टन ऊंचा रहता है। वैसे हरी मसूर की फसल प्रतिकूल मौसम तथा कीड़ों-रोगों के प्रति संवेदनशील मानी जाती है इसलिए इसकी खेती में जोखिम ज्यादा होता है।
भारत में मसूर पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ है। उधर कनाडा के प्रमुख उत्पादक राज्यों- सस्कैचवान एवं अल्बर्टा में अप्रैल के दूसरे हाफ में जिस फसल की बिजाई हुई थी
उसे शुष्क एवं गर्म मौसम का सामना करना पड़ा। बारिश 20-21 जून को हुई जिससे मई में बोई गई मसूर की फसल को फायदा हो रहा है। कुल मिलाकर बिजाई क्षेत्र में अच्छी वृद्धि होने से कनाडा में मसूर का उत्पादन सामान्य औसत के आसपास ही होने की उम्मीद है।