ऑस्ट्रेलिया से नवम्बर-जनवरी में भारत को 11.08 लाख टन चना का निर्यात

07-Mar-2025 05:59 PM

ब्रिसबेन। रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन एवं भारत सहित कई अन्य देशों की जोरदार मांग के सहारे ऑस्ट्रेलिया को 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में चना का निर्यात बढ़ाने में शानदार सफलता हासिल हो रही है।

सरकारी संस्था- ऑस्ट्रेलियाई  सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि नवम्बर 2024 से जनवरी 2025 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कुल मिलाकर 15,29,575 टन चना का शानदार निर्यात हुआ जिसमें नवम्बर का 4,15,102 टन, दिसम्बर का 7,19,046 टन तथा जनवरी का 3,95,428 टन का शिपमेंट शामिल रहा।

भारत इस अवधि में ऑस्ट्रेलियाई चना का सबसे बड़ा खरीदार रहा। भारतीय आयातकों ने नवम्बर 2024 में 3,28,786 टन, दिसम्बर 2024 में 5,28,240 टन तथा जनवरी 2025 में 2,50,932 टन के साथ पूरी तिमाही में कुल मिलाकर 11,07,958 टन चना का रिकॉर्ड आयात कर लिया।

भारत सरकार ने मई 2024 में देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति प्रदान की थी। यह अनुमति 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में चना के नए माल की आवक शुरू होने के बाद नवम्बर से भारत में इसका आयात तेजी से बढ़ने लगा। 

एबीएस की रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही के दौरान ऑस्ट्रेलिया से भारत के अलावा कई अन्य देशों को भी चना भेजा गया।

इसके तहत बांग्ला देश को 2,06,384 टन, पाकिस्तान को 1,61,971 टन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 27028 टन, नेपाल को 12893 टन, कनाडा को 2203 टन, मलेशिया को 2169 टन, इटली को 1320 टन, इंग्लैंड को 3297 टन तथा श्रीलंका को 1200 टन चना भेजा गया।

इसके अलावा जिन अन्य देशों में 1000 टन से कम चना का निर्यात किया गया उसमें जर्मनी, यूनान, बेल्जियम, फ्रांस, इजरायल, जापान, मारीशस, हॉलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, अमरीका, वियतनाम एवं यमन आदि सम्मिलित हैं। 

ऑस्ट्रेलिया की सरकारी एजेंसी - अबारेस ने 2024-25 के वर्तमान सीजन के दौरान चना का घरेलू उत्पादन तेजी से उछलकर 22.70 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है।

इसके साथ ही वह भारत के बाद दुनिया में चना का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश बन गया जबकि वह पहले से ही इस महत्वपूर्ण दलहन का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के निर्यातकों की नजर अभी भारत पर केन्द्रित है क्योंकि वहां चना के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रही है और ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इसकी अवधि को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।